और हम हैं कि नाम कर रहे हैं
तेग़ बारी1 का शौक़ अपनी जगह
आप तो क़त्ले-आम2 कर रहे हैं
दादो-तहसीन3 का ये शोर है क्यूँ
हम तो ख़ुद से कलाम4 कर रहे हैं
हम हैं मसरूफ़े-इन्तज़ाम5 मगर
जाने क्या इन्तज़ाम कर रहे हैं
है वो बेचारगी का हाल कि हम
हर किसी को सलाम कर रहे हैं
इक क़ताला6 चाहिए हम को
हम ये ऐलाने-आम7 कर रहे हैं
क्या भला साग़रे-सिफ़ाल8 कि हम
नाफ़9 प्याले को जाम कर रहे हैं
हम तो आये थे अर्ज़े-मतलब10 को
और वो अहतिराम कर रहे हैं
न उठे आह का धुआँ भी कि वो
कू-ए-दिल11 में ख़िराम कर रहे हैं
उस के होंठों पे रख के होंठ अपने
बात ही हम तमाम12 कर रहे हैं
हम अजब हैं कि उस के कुचे में
बेसबब धूमधाम कर रहे हैं !
1. तलवार पैदा करना
2. सभी का वध
3. प्रशंसा
4. बातचीत
5. प्रबन्ध करने में व्यस्त
6. वध करने वाला, प्रेयसी
7. सर्वसाधारण मे घोषणा
8. मिट्टी का मदिरा पात्र
9. नाभि
10. आशय की प्रार्थना
11. दिल की गली
12. समाप्त।