सो हम उस की बुराई करते हैं
पसन्द आता है दिल से यूसुफ़2 को
वो जो यूसुफ़ के भाई करते हैं
है बदन ख़्वाबे-वस्ल3 का दंगल
आओ रोज़ आज़माई करते हैं
उस को और ग़ैर को ख़बर ही नहीं
हम लगाई बुझाई करते हैं
हम अजब हैं कि उस की बाँहों में
शिकवा-ए-नारसाई4 करते हैं
हालते-वल्ल5 में भी हम दोनों
लम्हा-लम्हा जुदाई करते हैं
आप जो मेरी जां हैं, मैं दिल हूँ
मुझ से कैसे जुदाई करते हैं
बावफ़ा एक-दूसरे से मियाँ
हर नफ़स6 बेवफ़ाई करते हैं
जो हैं सरहद के पार से आये
वो बहुत ख़ुदसताई7 करते हैं
पल क़यामत के सूदख़्वार8 हैं ‘जॉन’
ये अबद9 की कमाई करते हैं
1. अत्यधिक
2. नाम पैगम्बर का, जो कामदेव की तरह सुन्दर थे
3. मिलन का सपना
4. पहुँच न होने का उलाहना
5. मिलन की दशा
6. साँस
7. आत्मप्रशंसा
8. ब्याज खाने वाला
9. वह समय जिसका अन्त न पता हो।