इस पर सितम ये है उसे याद आ रहा हूँ मैं
हाँ उस के नाम मैंने कोई ख़त नहीं लिखा
क्या उस को ये लिखूं कि लहू थूकता हूँ मैं
ऐ ज़िन्दगी बता कि सरे-जादा-ए-शबाब1
ये कौन खो गया है किसे ढूँढ़ता हूँ मैं
ऐ वहशतो! मुझे उसी वादी में ले चलो
ये कौन लोग हैं ये कहाँ आ गया हूँ मैं
मैंने ग़मे-हयात2 में तुझ को भुला दिया
हुस्ने-वफ़ा शिआर3 बहुत बेवफ़ा हूँ मैं
मासूम किस क़दर था मैं आग़ाज़े-इश्क़4 में
अक्सर तो उस के सामने शर्मा गया हूँ मैं
वो अहले-शह्र5 कौन थे वो शह्र था कहाँ
इन अहले-शह्र6 में से हूँ इस शह्र का हूँ मैं
1. सांसारिक दुःखों
2. सौन्दर्य मार्ग के किनारे
3. जीवन के दुःख
4. निर्वाह करने की खूबी
5. प्रेम के आरम्भ मे
6. शह्र वाले।