उस की ख़ुशबू नफ़स-नफ़स2 में है
हाल उस सैद3 का सुनाइये क्या
जिस का सय्याद4 ख़ुद क़फ़स5 में है
क्या है गर ज़िन्दगी का बस न चला
ज़िन्दगी कब किसी के बस में है
ग़ैर से रहियो तू ज़रा हुशियार
वो तिरे जिस्म की हवस में है
पा शिकस्ता पड़ा हुआ हूँ मगर
दिल किसी नग़्मा-ए-जरस6 में है
‘जॉन’ हम सब की दस्तरस7 में हैं
वो भला किस की दस्तरस में है
1. उन्माद
2. साँस-साँस
3. शिकार
4. शिकारी
5. पिंजरा
6. यात्रियों के साथ रहने वाली जानवर के गले की घंटी के मधुर गान/ध्वनि
7. पहुँच।