मैं दिल किसी से लगा लूँ अगर इजाज़त हो
तुम्हारे बाद भला क्या हैं वादा-ओ-पैमां1
बस अपना वक़्त गँवा लूँ अगर इजाज़त हो
तुम्हारे हिज्र की शब-हाए-कार में जानां2
कोई चिराग़ जला लूँ अगर इजाज़त हो
जुनूँ3 वही है, वही मैं, मगर है शह्र नया
यहाँ भी शोर मचा लूँ अगर इजाज़त हो
किसे है ख़्वाहिशे-मरहमगिरी4 मगर फिर भी
मैं अपने ज़ख़्म दिखा लूँ अगर इजाज़त हो
तुम्हारी याद में जीने की आरज़ू है अभी
कुछ अपना हाल सँभालूँ अगर इजाज़त हो
1. प्रेम प्रतिज्ञा
2. प्रेमिका के वियोग रात्रि मे काम
3. उन्माद
4. मरहम लगाने की इच्छा।