लबे-दरिया3 सराब4 बेचे हैं
और तो क्या था बेचने के लिए
अपनी आँखों के ख़्वाब बेचे हैं
ख़ुद सवाल सवाल उन लबों से कर के मियाँ
ख़ुद ही उन के जवाब बेचे हैं
शह्र में हम ख़राब हालों ने
हाल अपने ख़राब बेचे हैं
जानेमन तेरी बेनक़ाबी ने
आज कितने नक़ाब बेचे हैं
मेरी फ़रयाद5 ने सुकूत6 के साथ
अपने लब के अज़ाब7 बेचे हैं
1. रेगिस्तान में
2. बुल्बुले
3. दरिया के किनारे
4. मृगतृष्णा
5. दुहाई
6. ख़ामोशी
7. दु:ख।