कौन है बेक़ाबू मुझ में
यादें हैं या बलवा है
चलते हैं चाक़ू मुझ में
ले डूबी जो नाव मुझे
था उस का चप्पू मुझ में
जाने किन के चेह्रे हैं
बेचश्मो-अबरू1 मुझ में
हैं ये किस के तेग़ो-अलम2
बेदस्तो-बाज़ू3 मुझ में
जाने किस की आँखों से
बहते हैं आँसू मुझ में
ढूँढती है इक आहू4 को
इक मादा आहू मुझ में
मैं तो एक जहन्नुम हूँ
क्यूँ रहता है तू मुझ में
‘जॉन’ कहीं मौजूद नहीं
मेरा हमपहलू मुझ में
अब भी बहारां मुज़्दा5 है
एक ख़िजां ख़ुशबू6 मुझ में
1. बिना आँखों और भौंहों के
2. तलवार और झण्डा
3. बिना हाथ और बाज़ू के
4. हिरण
5. बहारें शुभ-सन्देश
6. पतझड़ की ख़ुशबू।