अपने ही आप तक गये होंगे
हम जो अब आदमी हैं पहले कभी
जाम होंगे छलक गये होंगे
वो भी अब हम से थक गया होगा
हम भी अब उस से थक गये होंगे
शब जो हम से हुआ मुआफ़ करो
नहीं पी थी बहक गये होंगे
कितने ही लोग हिर्से-शोहरत1 में
दार2 पर ख़ुद लटक गये होंगे
शुक्र है उस निगाहे-कम3 का मियाँ
पहले ही हम खटक गये होंगे
हम तो अपनी तलाश में अक्सर4
अज़ समा-ता-समक5 गये होंगे
उस का लश्कर जहाँ-तहाँ यानी
हम भी बस बेकुमक6 गये होंगे
जॉन, अल्लाह और ये आलम7
बीच में हम अटक गये होंगे
1. प्रसिद्धि की लालसा
2. सूली
3. उपेक्षा भरी दृष्टि
4. प्राय:
5. आकाश से पाताल तक
6. सहायता के बिना
7. संसार, स्थिति।