तिश्नगी1 ने सराब2 ही लिक्खा
ख़्वाब देखा था ख़्वाब ही लिक्खा
हम ने लिक्खा निसाबे-तीराशबी3
और ब सद4 आबो-ताब5 ही लिक्खा
न रखा हम ने बेशो-कम6 का ख़याल
शौक़7 को बेहिसाब ही लिक्खा
दोस्तो! हम ने अपना हाल उसे
जब भी लिक्खा ख़राब ही लिक्खा
न लिखा उस ने कोई भी मक्तूब8
फिर भी हम ने जवाब ही लिक्खा
हम ने इस शह्रे-दीनो-दौलत9 में
मस्ख़रों10 को जनाब ही लिक्खा
1. प्यास
2. मृगतृष्णा
3. अँधेरी रात का पाठ्यक्रम
4. सैकड़ों बार
5. चमक-दमक
6. थोड़ा-बहुत
7. अभिरुचि
8. पत्र
9. धर्म और धन के नगर मे
10. विदूषकों।