बस कोई दम में मरने वाले थे
थे गिले1 और गर्दबाद2 की शाम
और हम सब बिखरने वाले थे
वो जो आता तो उस की ख़ुशबू में
आज हम रंग भरने वाले थे
सिर्फ़ अफ़्सोस है ये तंज़3 नहीं
तुम न सँवरे, सँवरने वाले थे
यूँ तो मरना है एक बार मगर
हम कई बार मरने वाले थे
1. उलाहने
2. धूल भरी हवा
3. कटाक्ष,व्यंग्य।