बेहतर ये है कि आप मुझे भूल जाइये
हर आन1 इक जुदाई है ख़ुद अपने आप से
हर आन का है ज़ख़्म जो हर आन खाइये
थी मश्वरत2 कि हम को बसाना है घर नया
दिल ने कहा कि मेरे दरो-बाम3 ढाइये
थूका है मैंने ख़ून हमेशा मज़ाक़ में
मेरा मज़ाक़ आप हमेशा उड़ाइये
हरगिज़ मिरे हुज़ूर कभी आइये न आप
और आइये अगर, तो ख़ुदा बन के आइये
अब कोई भी नहीं है कोई दिल मुहल्ले में
किस-किस गली में जाइये और ग़ुल4 मचाइये
इक तौरिदा सदी था जो बेतौर हो गया
अब जंतरी5 बजाइये, तारीख़6 गाइये
इक लाल क़िला था जो मियाँ टज़र्द पड़ गया
अब रंगरेज़ कौन से, किस जा7 से लाइये
शाइर हैं आप यानी कि सस्ते लतीफ़ गो8
रिश्तों को दिल से रोइये, सब को हँसाइये
जो हालतों का दौर था, वो तो गुज़र गया
दिल को जला चुके हैं, सो अब घर जलाइये
अब क्या फ़रेब9 दीजिये और किस को दीजिये
अब क्या फ़रेब खाइये और किस से खाइये
है याद पर मदार10 मिरे कारोबार का
है अर्ज़ आप मुझ को बहुत याद आइये
बस फ़ाइलों का बोझ उठाया करें जनाब
मिस्त्रा11 ये जॉन का है इसे मत उठाइये
1. क्षण
2. परामर्श
3. द्वार और छत
4. शोर
5. डफली
6. इतिहास
7. जगह
8. चुटकुले सुनाने वाला
9. धोखा
10. निर्भरता
11. शेर की एक पंक्ति शाइर की किसी पंक्ति को जब साथी-शाइर या श्रोता दोहराये तो उसे पारिभाषिक अर्थो मे मिस्त्रा उठाना कहते हैं।