उस को ढूँढें तो वो मिले भी कहाँ
ग़म न होता जो खिल के मुर्झाते
ग़म तो ये है कि हम खिले भी कहाँ
ख़ुश हो सीने की इन ख़राशों2 पर
फिर तनफ़्फ़ुस3 के ये सिले4 भी कहाँ
आगही5 ने किया हो चाक जिसे
वो गिरेबां भला सिले भी कहाँ
अब ताम्मुल6 न कर दिले-ख़ुदकाम7
रूठ ले, फिर ये सिल्सिले भी कहाँ
ख़ेमा-ख़ेमा गुज़ार ले ये शब
बामदादां8 ये क़ाफ़िले भी कहाँ
आओ, आपस में कुछ गिले कर लें
वरना यूँ है कि फिर गिले भी कहाँ
1. साँस
2. रगड़
3. साँसो का आना-जाना
4. इनाम, प्रतिफल
5. विवेक
6. असमंजस, विलम्ब
7. स्वच्छन्द
8. सवेरा।