बेअमां1 थे अमां2 के थे ही नहीं
हम कि हैं तेरी दास्तां यकसर3
हम तिरी दास्तां के थे ही नहीं
उन को आँधी में ही बिखरना था
बालो-पर आशियाँ के थे ही नहीं
अब हमारा मकान किस का है
हम तो अपने मकां के थे ही नहीं
हो तिरी ख़ाके-आस्तां4 पे सलाम
हम तिरे आस्तां के थे ही नहीं
हम ने रंजिश में ये नहीं सोचा
कुछ सुख़न5 तो ज़बां के थे ही नहीं
दिल ने डाला था दर्मियां जिन को
लोग वो दर्मियां के थे ही नहीं
उस गली ने ये सुन के सब्र किया
जाने वाले यहाँ के थे ही नहीं
1. असुरक्षित
2. सुरक्षा-सुरक्षा में
3. नितान्त
4. ड्योढ़ी की धूल
5. बात, शब्द।