पा पियादा2 हो के कोई शहसवार3 आया तो क्या
ज़िन्दगी की धूप में मुर्झा गया मेरा शबाब
अब बहार आयी तो क्या, अब्रे-बहार4 आया तो क्या
मेरे तेवर बुझ गये, मेरी निगाहें जल गयीं
अब कोई आईनारू5 आईनादार6 आया तो क्या
अब कि जब जानाना तुम को है सभी पर एतबार
अब तुम्हें जानाना मुझ पर एतबार आया तो क्या
अब मुझे ख़ुद अपनी बाँहों पर नहीं है इख़्तियार
हाथ फैलाये कोई बेइख़्तियार आया तो क्या
वो तो अब भी ख़्वाब है, बेदार7 बीनाई8 का ख़्वाब
ज़िन्दगी मैं ख़्वाब में उस के गुज़ार आया तो क्या
हम यहाँ बेगाना हैं, सो हम में से ‘जॉन एलिया’
कोई जीत आया यहाँ और कोई हार आया तो क्या
1. मलिनता, उदासी
2. पैदल
3. चतुर घुड़सवार
4. बसन्त का बादल
5. चमकता हुआ चेहरा, प्रेयसी
6. श्रृंगार कराने वाला
7. जाग्रत
8. दृष्टि।