क़ैस2 तो अपने घर गया कब का
अब तो मुँह अपना मत दिखाओ मुझे
नासेहो3 मैं सुधर गया कब का
आप अब पूछने को आये हैं
दिल मिरी जान मर गया कब का
आप इक और नींद ले लीजे
क़ाफ़िला कूच कर गया कब का
मेरा फेहरिस्त4 से निकाल दो नाम
मैं तो ख़ुद से मुकर गया कब का
1. आशारुपी घाव
2. ‘मँजनू’ का नाम, जो लैला पर मुग्ध था
3. उपदेशकों
4. सूची।