कि रूठते हो कभी और मनाने लगते हो
गिला तो ये है तुम आते नहीं कभी लेकिन
जब आते भी हो तो फ़ौरन ही जाने लगते हो
ये बात ‘जॉन’ तुम्हारी मज़ाक़ है कि नहीं
कि जो भी हो उसे तुम आज़माने लगते हो
तुम्हारी शाइरी क्या है भला, भला क्या है
तुम अपने दिल की उदासी को गाने लगते हो
सुना है कहकशानों1 में रोज़ो-शब ही नहीं
तो फिर तुम अपनी ज़ुबां क्यूँ जलाने लगते हो
1. आकाशगंगाओ।