ये तेरे खत, तेरी खुशबू, ये तेरे ख्वाब-ओ-खयाल,मताऐ-जाँ है तेरे कौल-ओ-कसम की तरहगुजश्ता सालों मैनें इन्हे गिन के रखा हैकिसी गरीब की जोड़ी हुई रकम की तरह
हम क्यों जन्मे हैं ? बस इसी सवाल के जवाब में हम जिंदगी बिताते हैं | Jaun Eliya Jaun Eliya हम क्यों जन्मे हैं ? बस इसी सवाल के जवाब में हम जिंदगी बिताते हैं, कोई जवाब ढूंढता है , कोई बिना ढूँढे मस्त रहता है !